यह तेरी भिक्षुक वृत्ति (भिखारीपना ) है जो तू पर पदार्थों पर ललचाता है .
और पर पदार्थ को पाने की इक्षा तेरी चौर्य वृत्ति (चोरी की इक्षा ) है .
पर को अपना मानना अहंकार है .
और पर पदार्थ को पाने की इक्षा तेरी चौर्य वृत्ति (चोरी की इक्षा ) है .
पर को अपना मानना अहंकार है .
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