Monday, September 2, 2013

बो क्या करता है , क्या सोचेगा , क्या कहेगा में उलझे हें लोग

बो क्या करता है , क्या सोचेगा , क्या कहेगा में उलझे हें लोग 
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

बो क्या करता है , क्या सोचेगा , क्या कहेगा में उलझे हें लोग 
मैं क्या , क्यों , कैसे करूँ  , या ना करूँ कब,कैसे समझेंगे लोग 

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