दुनिया में चैन कहीं नहीं है-
हकीकतों से दूर भागकर , हम डर-डरकर सो जाते हें
पीछा ना छूटे ,सपने मुझको , अधिक डरावने आते हें
उनसे उलझे थके थके से , हम बचने को उठ जाते हें
बे मुए भी एक एक कर , तब झटपट ही जग जाते हें
हकीकतों से दूर भागकर , हम डर-डरकर सो जाते हें
पीछा ना छूटे ,सपने मुझको , अधिक डरावने आते हें
उनसे उलझे थके थके से , हम बचने को उठ जाते हें
बे मुए भी एक एक कर , तब झटपट ही जग जाते हें
No comments:
Post a Comment