Thursday, June 7, 2012

कोई ऐसा चाहिए जो कांच के घर में न बैठा हो , अब रामदेवजी को ही लेलो , अचानक उनके स्वरों में अति विनम्रता अनुभव की जाने लगी है . क्यों ? कहीं इनकम टेक्स के नोटिस का कमाल तो नहीं ?

कोई ऐसा चाहिए जो कांच के घर में न बैठा हो ,
अब रामदेवजी को ही लेलो , 
अचानक उनके स्वरों में अति विनम्रता अनुभव की जाने लगी है .
क्यों ?
कहीं इनकम टेक्स के नोटिस का कमाल तो नहीं ?
इसीलिये कहता हूँ क़ि आप ही सोचिये ,
" अन्ना नहीं तो कौन ? "
जिनके बीबी बच्चे हें , उनका मुंह बंद कर देने के लिए तो वे ही काफी हें .
यदि वे न भी कर पायें तो उनके नाम पर दूसरे लोग करबा देंगे .
जिनके पास खोने को सत्ता है , चुप रहना उनकी मजबूरी है , आखिर सत्ता खोने का डर जो है , हमारे मनमोहनसिंगजी ?
जिनके पास धन है , उन्हें उसकी चिंता है और जिनके पास धंधा है उन्हें उसकी .
तब ऐसा ही कोई चाहिए जिसके पास न तो यह सब हो और न ही इस सबकी जिसे परवाह हो .
इसीलिये मैं कहता हूँ क़ि
" अन्ना नहीं तो कौन "

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