Friday, November 30, 2012

"न तो तू किसी का हित या अहित कर सकता है और न ही कोई भी आपका हित या अहित कर सकता है , सभी मात्र विकल्प कर सकते हें , विकल्प सार्थक हो या न हो यह उसके और आपके कर्मोदय पर निर्भर करता है ."

"न तो तू किसी का हित या अहित कर सकता है और न ही कोई भी आपका हित या अहित कर सकता है , सभी मात्र विकल्प कर सकते हें , विकल्प सार्थक हो या न हो यह उसके और आपके कर्मोदय पर निर्भर करता है ."
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