"जगत में संयोग तो अनंत हें , यदि तू संयोगों की गुलामी करता है तो अनंत पर् द्रव्यों का गुलाम बन जाएगा , क्या तुझे यह मंजूर है ?
यदि हम संयोगों से बंधे रहेंगे तो बंधन में ही रहेंगे और यदि हम संयोंगों की गुलामी छोड़ देंगे तो मुक्त हो जायेंगे ."
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to read in full pls click the link bellow -
http://www.facebook.com/pages/Parmatmprakash-Bharill/273760269317272?fref=ts
यदि हम संयोगों से बंधे रहेंगे तो बंधन में ही रहेंगे और यदि हम संयोंगों की गुलामी छोड़ देंगे तो मुक्त हो जायेंगे ."
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