Wednesday, December 5, 2012

हम इनमें से कौन हें - सामान्य , विशिष्ट या महान


हम इनमें से कौन हें -
सामान्य , विशिष्ट या महान 

सामान्य मानव के जीवन में उसकी आजीविका ही सबसे महत्वपूर्ण है , ये सब उनके जीवन के मात्र साधन नहीं वरन लक्ष्य बने रहते हें और इसमें स्थिरता आने पर उनके जीवन में स्थिरता आ जाती है .
खाना-पीना , घूमना-फिरना , मौज-मस्ती और मनोरंजन बस . 
अपना घर-परिवार , सगे-सम्बंधी और मित्र बस यही होती है उनकी छोटी सी दुनिया .
क्षेत्र से सीमित , काल से सीमित और भाव से भी सीमित .
ऐसे लोग देश और समाज को कुछ देते नहीं हें , अपनी उपस्थिति तक दर्ज नहीं करबाते हें .
कब आये और जीवन के कारबां में शामिल हो  गए , एक शांत और खामोश जीवन जिया और एक दिन बिदा हो लिए .
न किसी को आगमन के बारे में मालूम हुआ और न ही बिदाई के बारे में . 
सब कुछ सिर्फ मुनिसीपेलिटी के रिकॉर्ड में दर्ज होता रहता है , वे कभी इतिहास का हिस्सा नहीं बनते .
इस वर्ग की मानसिकता और प्राथमिकता भिन्न होती है , सोच और क्रियाकलाप अलग होते हें , आचरण और व्यवहार अलग होते हें , तौर-तरीके जुदा होते , कार्यशैली और मनोविज्ञान अलग होता है , उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं भिन्न होती हें , द्रष्टिकोण सीमित होता है , उनके जीवन के सभी पहलू एक दायरे में सीमित होते हें .
दुनिया में यही वर्ग बहुतायत से पाया जाता है .

कुछ लोग विशिष्ट होते हें , आजीविका उनके जीवन का साधन मात्र होती है , साध्य नहीं .
इस वर्ग के लोगों के साध्यों में बड़ी विविधता पाई जाती है पर इनके इनका दायरा विशाल होता है , असीमित होता है .
ये लोग देश और समाज को दिशा देते हें , अपनी छाप छोड़ते हें .
इनकी मानसिकता , प्राथमिकतायें , सोच और क्रियाकलाप , आचरण और व्यवहार , तौर-तरीके और कार्य शैली , उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं , उनका मनोविज्ञान और द्रष्टिकोण अलग होता है,विशिष्ट होता है .
इनका दायरा विशाल होता है पर ऐसे लोग संख्या में कम होते हें .
विशाल समुदाय के बीच भी ये कुछ मुट्ठी भर लोग अलग ही नजर आजाते हें .

कुछ ऐसे लोग भी होते हें जो अतिविशष्ट होते हें , ये अपने आप में अनोखे होते हें , इनका सब कुछ अनोखा होता है , समझ से परे , जगत से प्रथक , मनोविज्ञान के दायरे से पार , सबसे ऊपर .
बस यही लोग जीवन से कुछ पाते हें और दुनिया को भी कुछ दे पाते हें .
दुनिया में इनके लिए कुछ बना हुआ नहीं है , अपने लिए सब कुछ इन्हें ही बनाना पड़ता है .
न तो इन्हें मार्ग तैयार मिलता है और न ही मार्ग दर्शन , दुनिया के पास इनके न तो कोई लक्ष्य है और नही उनकी उपलब्धियों को मापने के पैमाने .
क्योंकि ये दुनिया की कल्पना के दायरे से भी बाहर के लोग होते हें .
ये महान होते हें .

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