Friday, July 12, 2013

यदि उनका सुख-चैन भंग हुआ तो आप भी उसकी तपन से बच नहीं सकेंगे।

यदि उनका सुख-चैन भंग हुआ तो आप भी उसकी तपन से बच नहीं सकेंगे।
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

न तो हम स्वयं शत्रु बनाएं और न ही अपने nearest - dearest को कोई शत्रु बनाने दें , क्योंकि यदि उनका सुख-चैन भंग हुआ तो आप भी उसकी तपन से बच नहीं सकेंगे।

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