शत्रु और मित्र कोई अलग-अलग प्रजाति के मानव नहीं होते हें , वे एक ही हें
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
शत्रु और मित्र कोई अलग-अलग प्रजाति के मानव नहीं होते हें , वे एक ही हें , यह हम पर निर्भर करता है कि हम उन्हें शत्रु बनाते हें या मित्र बनाते हें .
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
शत्रु और मित्र कोई अलग-अलग प्रजाति के मानव नहीं होते हें , वे एक ही हें , यह हम पर निर्भर करता है कि हम उन्हें शत्रु बनाते हें या मित्र बनाते हें .
शत्रु बनकर जो हमारा जीना हराम कर देते हें , वे ही मित्र बनकर जीवन को धन्य भी कर देते हें .
वे तो प्रस्तुत हें , फैसला आपका है .
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