Wednesday, September 21, 2011

स्वीकारता जो गल्तियाँ , उसके ह्रदय में सरलता

"गल्तियाँ" क्या ,क्यों और कैसे ? (2)

स्वीकारता जो गल्तियाँ , उसके ह्रदय में सरलता
वह तो सफल हो जाएगा,उससे दूर भागे बिफलता
भूलका पहिचानना,स्वीकारना,सबसे बड़ा उपचार है
इतना भी जो ना कर सके ,उसकी जिन्दगी बेकार है

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