Thursday, November 3, 2011

Parmatm Prakash Bharill: इससे ज्यादा यदि कोई भी वस्तु , इस जीवन में पानी है...

Parmatm Prakash Bharill: इससे ज्यादा यदि कोई भी वस्तु , इस जीवन में पानी है...: जीवन किसे कहते हें , यह जीवन कैसा हो ? ये जीवन तो मेरा जीवन है,नहीं किसी के हाथ खिलौना है इसको ना लुटने दूगा मैं ,मुझको यह जीवन जीन...

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