Sunday, November 6, 2011

Parmatm Prakash Bharill: इस दुनिया में कितनी सारी हें , कदम कदम पर कितनी र...

Parmatm Prakash Bharill: इस दुनिया में कितनी सारी हें , कदम कदम पर कितनी र...: मैं खड़ा एक चौराहे पर , सारी दुनिया दौड़ रही पर मुझको मालूम नहीं मुझको जाना है किधर , स्थिति से घबराकर , एक राह पर चल पड़ता हूँ , कुछ ...

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