व्यतीत ना अतीत होता
वह तो सदा ही वर्तमान
भविष्य जो आया नहीं
वह भी सदा ही विद्यमान
वर्तमान की क्या कहें
वह तो स्वयं है वर्तमान
त्रिकाल , मैं ना नष्ट होता
मैं हूँ आतम देव महान
वह तो सदा ही वर्तमान
भविष्य जो आया नहीं
वह भी सदा ही विद्यमान
वर्तमान की क्या कहें
वह तो स्वयं है वर्तमान
त्रिकाल , मैं ना नष्ट होता
मैं हूँ आतम देव महान
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