आज राजनीति में सभी व सात्विक , इमानदार व्यक्ति के लिए स्थान ही नहीं बचा है , इस तरह के लोगों की अंतिम पीढी भी अब धीरे धीरे ख़त्म होने जा रही है .
माना क़ि लोकपाल विल के बाते में टीम अन्ना की मांगें ज्यादा कठोर हें पर यह कठोरता आज की आवश्यकता है , जब इस लोकपाल की कृपा से एक ब़ार फिर राजनीति का पर्याप्त शुद्धीकरण हो जाएगा तब फिर से संत ह्रदय लोगों के लिए राजनीति में जगह खाली होगी .
जिन्हें लोकपाल से डर लगता है वे थोड़े दिन डरकर जीना भी सीखलें , अब तक लोगों को डराया तो बहुत है ,अन्यथा सुधर जाएँ , आपको भी कौन रोकता है .
यह तो सब समझ सकते हें क़ि डरना तो उन्हें भी होगा जो गलत नहीं हें ,पर इलाज क्या है ?
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