Monday, April 30, 2012

इस तरह बस दिन गिनते गिनते ही जिन्दगी बीत जाती है पर यात्रा ख़त्म नहीं होती है .


पर्वतारोहण और जिन्दगी में एक समानता है -
आपके लक्ष्य एक के पीछे एक छुपे ही रहते हें , आप समझते हें क़ि बस इतना ही फासला तो तय करना है और काम पूरा हुआ पर आप एक लक्ष्य हासिल कर लीजिये और तुरंत दूसरा लक्ष्य सामने अवतरित हो जाता है .
इस तरह बस दिन गिनते गिनते ही जिन्दगी बीत जाती है पर यात्रा ख़त्म नहीं होती है .

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