Friday, June 22, 2012

हाँ ! माता-पिता , गुरु-शिष्य और तो और भक्त और भगवान का सम्बन्ध भी संसार ही है . यदि मोक्ष जाना है तो समस्त संबंधों का त्याग करना होगा . सम्बन्ध बंध है (सम बंध ) मुक्ति नहीं . सम्बन्ध संसार है मुक्ति नहीं .


तुझे मोक्ष जाना है न ? 
मोक्ष जाना है यानिकि संसार का त्याग करना है .
तो यह सब क्या है ?
यह कुल , गोत्र , समाज , नगर और देश क्या है ?
ये सब संसार में ही तो हें . 
अरे ! संसार में क्या हें , ये  ही संसार हें .
और यदि तुझे संसार का त्याग करना है तो क्या करना होगा ?
यानि इन सबका त्याग करना होगा .
अरे ! मात्र कुल-गोत्र ही नहीं , सारे के सारे सम्बन्ध संसार हें .
क्या कहा ?
क्या माता-पिता भी ?
हाँ ! माता-पिता , गुरु-शिष्य और तो और भक्त और भगवान का सम्बन्ध भी संसार ही है .
यदि मोक्ष जाना है तो समस्त संबंधों का त्याग करना होगा .
सम्बन्ध बंध है (सम बंध ) मुक्ति नहीं .
सम्बन्ध संसार है मुक्ति नहीं .
तो मुक्ति जाने के लिए क्या करना होगा ? 
पढ़ें एक लंबा लेख .
writing in progress , will post soon .

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