Monday, July 2, 2012

Parmatm Prakash Bharill: जगत में अनुकूलताएँ कम और व्यवधान अनन्त हें , बहुत ...

Parmatm Prakash Bharill: जगत में अनुकूलताएँ कम और व्यवधान अनन्त हें , बहुत ...: जगत में अनुकूलताएँ कम और व्यवधान अनन्त हें , बहुत हुआ , बस ! अब मैं सही समय का और इन्तजार नहीं कर सकता . इतना छोटा तो जीवन है और हम इसे इ...

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