गुरुता आने से पहिले व्यक्तित्व में गंभीरता आना बहुत आवश्यक है .
हमें जिसका अज्ञान दूर करना है , सबसे पहिले उसे उसके अज्ञान का ज्ञान करबाना बहुत जरूरी होता है ; और यह आसान नहीं . यह सबसे अधिक कष्टदायक प्रक्रिया है . यह काम बहुत ही धैर्य पूर्वक और सद्भावना के साथ धीरे - धीरे किये जाने की जरूरत होती है . एक ब़ार यह प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न हो जाने के बाद आगे का काम बहुत आसान है
हमें जिसका अज्ञान दूर करना है , सबसे पहिले उसे उसके अज्ञान का ज्ञान करबाना बहुत जरूरी होता है ; और यह आसान नहीं . यह सबसे अधिक कष्टदायक प्रक्रिया है . यह काम बहुत ही धैर्य पूर्वक और सद्भावना के साथ धीरे - धीरे किये जाने की जरूरत होती है . एक ब़ार यह प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न हो जाने के बाद आगे का काम बहुत आसान है
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