Saturday, September 29, 2012

Parmatm Prakash Bharill: मुझे इस संसार में सुख से रहना है , कैसे संभव है -

Parmatm Prakash Bharill: मुझे इस संसार में सुख से रहना है , कैसे संभव है -: मुझे इस संसार में सुख से रहना है , कैसे संभव है - - सुखी मुझे होना है तो सुख की कीमत मुझे ही चुकानी होगी . - पर में परिवर्तन संभव नही...

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