ज्ञान दर्शन मय अरे मैं , प्रत्यक्ष ज्योति स्वरूप हूँ
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
परद्रव्य से पर, चिन्मात्रज्योति,परजीव से भी भिन्न हूँ
-परमात्म प्रकाश भारिल्ल
परद्रव्य से पर, चिन्मात्रज्योति,परजीव से भी भिन्न हूँ
ज्ञान -दर्शनमय अरे मैं , प्रत्यक्ष ज्योतिस्वरूप हूँ
अखंड और अनंत मैं हूँ , अनुभूति का मैं बिषय हूँ
केवलज्ञान से प्रत्यक्ष यह मैं, आत्मानुभूति प्रत्यक्ष हूँ
Jain Darshan ke achhe jankar hain. Kya jeevan me bhi utar rahe hain ? Yadi haan, to meri vandana svikar keejiye. Yadi nahi to Jeevan me utariye, Moksha ki uplabdhi pakki hoti javegi. Sadhuvad.
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