- परमात्म नीति (6)
- हर कार्य प्रतिसमय कृत्य नहीं होता
- हर कार्य प्रतिसमय कृत्य नहीं होता, उपयुक्त समय का कृत्य अनुपयुक्त समय (अनुपयुक्त देश-काल में) पर अकृत्य हो जाता है.
बुद्धीमान लोग हर कार्य देश-काल की अनुकूलता पूर्वक ही करते हें.
अकृत्य
भी तो कृत्य ही है, अनुकूल यदि स्थल, समय
कृत्य
भी अकृत्य होता, हो प्रतिकूल यदि स्थल, समय
बुधिवंत
सब वर्तन करें, उपयुक्त सब कुछ जानकार
कार्य
को भी जानकर,
परिस्थिति भी पहिचानकर
घोषणा
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.
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