Tuesday, July 21, 2015

परमात्म नीति (1) - सफलता के लिए आवश्यक शर्त

-परमात्म नीति 

                                                                           (1)



सफलता के लिए आवश्यक शर्त 


जब कोई दुष्ट किसी के साथ दुष्टता का व्यवहार कर रहा है, तब वह तो सफल हो जाएगा क्योंकि वह अपने स्वभाव का अनुशरण कर रहा है पर ठीक बैसा ही व्यवहार करके कोई सज्जन पुरुष कभी भी सफल नहीं हो सकते हें क्योंकि वे अपने स्वभाव और योग्यता के विपरीत आचरण कर रहे होते हें.दुष्टतापूर्ण आचरण करता हुआ सज्जन व्यक्ति दृढ संकल्प, अविभाजित मन और सपूर्ण दक्षता के साथ काम नहीं कर पाता है तब वह सफल कैसे होगा ?"


दुष्ट यदि जो दुष्टता का , व्यवहार  अन्यों से करे
सफल वो हो जाएगा,क्योंकि स्वभाव को ही अनुसरे
अनुशरण उसका कर यदि, तेरा भी वही व्यवहार हो

     विपरीत  होने से अरे , क्यों जगत को स्वीकार हो     

निष्कर्ष

किसी की नक़ल करके कोई सफल नहीं हो सकता है, सफलता के लिए आवश्यक है कि हम अपनी शक्ति, स्वभाव, योग्यता, परिस्थिति और आवश्यकता को पहिचानें व तदनुरूप ही आचरण करें.

व्याख्या 


महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कौनसा हथियार या औजार अच्छा है, महत्वपूर्ण यह है कि तुझे कौनसे औजार में महारत हासिल है, तू उस औजार के उपयोग करने पर सफल होगा.

घोषणा 


यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.

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