Monday, September 19, 2011

(हमें उन जैसा बनना चाहिये था , हमने उन्हें अपने जैसा बना लिया

"जिनेन्द्र भगवान के दर्शन का उद्देश्य तो यह था क़ि हम अपने आप में जिनेन्द्र भगवान के रूप (स्वरुप, गुण ) की स्थापना करें , उसकी जगह हमने भगवान के ऊपर अपनी मलिन (मैली ) कल्पना थोपनी प्रारम्भ करदी .(हमें उन जैसा बनना चाहिये था , हमने उन्हें अपने जैसा बना लिया )जिनेन्द्र भगवान को हम जैसे जगत के लोगों की संगती का यह उपहार मिला है , इसीलिये मोक्ष मार्गी (आत्मार्थी) लोग घरबार छोड़कर जंगल को चले जाते हें .

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