Sunday, November 13, 2011

आज हम पराधीन हें -------तो हम क्या करें ?

आज हम पराधीन हें -------तो हम क्या करें ?

आज हम पराधीन हें .
हमारा जीवन क्रम पराधीन है .
हमारी जीवन शैली पराधीन है .
हमारा सोच पराधीन है .
हमारी वृत्ति पराधीन है .

हमारे उक्त सभी पहलू (fector ) हम स्वयं नहीं , कोई और तय करता है . हम तो बस follow करते हें .
यह सब जाने समझे बगैर कि क्या यह हमारे लिए उचित और सही है ?
इस तरह न तो आज हम यह जानते हें कि अपने जीवन में हम किस ओर बढ़ रहे हें और न ही यह जानते हें कि कल  हम कहाँ पहुंचेंगे और उसका फल क्या होगा .
क्या हम इसी तरह पराधीन बने रहना चाहते हें ? 
क्या हमें स्वतंत्र नहीं होना है ?
यदि हाँ , तो हम क्या करें ?

-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

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