Sunday, November 20, 2011

-----------जो अपने आसपास के लोगों को सुनाना हीन मानसिकता माना जाता है ,----------

वे अपाच्य विचार , समाचार व घटनाएं यदि सही ढंग से लिखकर प्रस्तुत कर दिए जाएँ तो यथार्थबादी साहित्य कहलाने लगते हें 


वे बातें जिनपर अक्सर लोगों का ध्यान तो जाता है पर उनकी चर्चा करना अच्छा नहीं माना जाता है , हीन मानसिकता माना जाता है , जो बातें महिलायें वक्त काटने के लिए किया करतीं हें , जिन यथार्थ को हम ढंकना चाहते हें , वही बातें जब लेखक लिखता है तो हमें वह महान दिखाई देता है 

-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 
२१-८-८३

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