Friday, November 11, 2011

Parmatm Prakash Bharill: वह कालिख मैंने धो डाली , जो छोड़ गए थे अंधियारे

Parmatm Prakash Bharill: वह कालिख मैंने धो डाली , जो छोड़ गए थे अंधियारे: वह व्यक्ति जिसने जीवन के विभिन्न रूप देख लिए हें स्थितिप्रग्य हो जाता है , अनुकूलताएँ उसे गाफिल नहीं करतीं हें और प्रतिकूलताएं पथ से च्युत न...

No comments:

Post a Comment