Tuesday, November 15, 2011

Parmatm Prakash Bharill: दौड़ भाग में सांझ हो गई ,

Parmatm Prakash Bharill: दौड़ भाग में सांझ हो गई ,: यहाँ जीवन की तुलना दिन से की गई है ,जिस तरह से हम किकर्त्व्यविमूद्ता की स्थिति में दिन खो देते हें उसी प्रकार जीवन भी चला जाता है बिना किस ...

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