मेरी परेशानियाँ-
यूं तो मेरी चादर साफ़ सफ़ेद है धुली हुई
पर उसकी चादर कैसे मुझसे ज्यादा साफ़ हुई
इस चिंता में रात रात भर चैन कभी मैं ना पाता
इसी द्वंद में मेरा जीवनघट बस यूं ही रीता जाता
यूं तो मेरी चादर साफ़ सफ़ेद है धुली हुई
पर उसकी चादर कैसे मुझसे ज्यादा साफ़ हुई
इस चिंता में रात रात भर चैन कभी मैं ना पाता
इसी द्वंद में मेरा जीवनघट बस यूं ही रीता जाता
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