Tuesday, June 19, 2012

Parmatm Prakash Bharill: निंदा होना बुरी बात नहीं है , निंदा के योग्य होना ...

बड़ी विचित्र बात है कि लोग निंदनीय काम करने से नहीं बचना चाहते हें , पर वे निंदा से घबराते हें , शर्मनाक तो निंदनीय काम करना है , निंदा होने में शर्म कैसी ? निंदा तो कोई दुर्भावनावश भी कर सकता है और अज्ञानवश भी .और फिर किसी को अपनी निंदा करने से रोक पाना अपने हाथ में भी तो नहीं है , पर हाँ निंदनीय काम करने से बचना अपने स्वयं के हाथ में है -


Parmatm Prakash Bharill: निंदा होना बुरी बात नहीं है , निंदा के योग्य होना ...: निंदा होना बुरी बात नहीं है , निंदा के योग्य होना बुरी बात है . हमारे सारे यत्न निंदा को रोकने के होते हें , हमारी दिलचस्पी न तो निंदा क...

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