Tuesday, June 19, 2012

निंदा होना बुरी बात नहीं है , निंदा के योग्य होना बुरी बात है .

निंदा होना बुरी बात नहीं है , निंदा के योग्य होना बुरी बात है .

हमारे सारे यत्न निंदा को रोकने के होते हें , हमारी दिलचस्पी न तो निंदा के कारणों जाने में होती है और न ही उन्हें दूर करने में .
जब तक कारण विद्यमान रहेंगे तब तक कार्य होना अवश्यम्भावी है .

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