यदि तुझे अपने आत्मा में स्थित होना है तो अन्य सभी ओर से द्रष्टि हटानी ही होगी , उन अन्य में सब शामिल हें , हाँ ! देव, शास्त्र और गुरु भी .
यद्यपि देव , शास्त्र और गुरु महान हें , मंगल हें , उत्तम हें , शरण हें पर जब हम उनकी शरण में होंगे तब आत्मा की शरण में नहीं होंगे .
आत्मा की शरण में जाना है तो उनकी शरण छोडनी ही होगी .
तू अन्य कितने महान और महत्वपूर्ण काम में व्यस्त है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है , तू जो काम नहीं कर रहा है वह नहीं होगा .
यदि तुझे कोई कम महत्वपूर्ण काम भी करना ही है तो तुझे वह करना होगा , अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण काम छोड़कर भी करना होगा .
यद्यपि बिजनेस महत्वपूर्ण है पर यदि तुझे क्रिकेट देखनी या खेलनी है तो उस समय बिजनेस छोड़ना ही होगा , यदि बिजनेस में व्यस्त रहेगा तो क्रिकेट देख और खेल नहीं सकेगा .
अरे ! यदि तुझे खेलना है तो देखना बंद करना पडेगा , इससे क्या फर्क पड़ता है क़ि सचिन कितना महान खिलाड़ी है , यदि तू सचिन का खेल देख रहा होगा तो स्वयं नहीं खेल सकेगा ,यदि सचिन का खेल देखने लगेगा तो स्वयं का खेलना छूट जाएगा .
यद्यपि देव , शास्त्र और गुरु महान हें , मंगल हें , उत्तम हें , शरण हें पर जब हम उनकी शरण में होंगे तब आत्मा की शरण में नहीं होंगे .
आत्मा की शरण में जाना है तो उनकी शरण छोडनी ही होगी .
तू अन्य कितने महान और महत्वपूर्ण काम में व्यस्त है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है , तू जो काम नहीं कर रहा है वह नहीं होगा .
यदि तुझे कोई कम महत्वपूर्ण काम भी करना ही है तो तुझे वह करना होगा , अन्य अत्यंत महत्वपूर्ण काम छोड़कर भी करना होगा .
यद्यपि बिजनेस महत्वपूर्ण है पर यदि तुझे क्रिकेट देखनी या खेलनी है तो उस समय बिजनेस छोड़ना ही होगा , यदि बिजनेस में व्यस्त रहेगा तो क्रिकेट देख और खेल नहीं सकेगा .
अरे ! यदि तुझे खेलना है तो देखना बंद करना पडेगा , इससे क्या फर्क पड़ता है क़ि सचिन कितना महान खिलाड़ी है , यदि तू सचिन का खेल देख रहा होगा तो स्वयं नहीं खेल सकेगा ,यदि सचिन का खेल देखने लगेगा तो स्वयं का खेलना छूट जाएगा .
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