Saturday, September 14, 2013

क्रोधादि भाव विकार हें , अपना कहें हम किसलिए

क्रोधादि भाव विकार हें , अपना कहें हम किसलिए 
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 

स्वभाव मात्र ही वस्तु है , पर भाव तो वस्तु नहीं 
ज्ञान  आत्म  स्वभाव  है , क्रोधादि  तो मेरे नहीं 
परिणमन ज्ञान स्वभाव का,है आत्मवस्तु इसलिए 
क्रोधादि भाव विकार हें , अपना कहें हम किसलिए 

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