तप को सभी बहुत अच्छा मानते हें .
पर तप करते क्यों नहीं ?
क्योंकि तप से डरते हें ?
क्यों ?
भ्रम वश !
भ्रम वश हम सभी तप को कष्टमय मानते हें , कष्टकर मानते हें .
साधारण कष्ट नहीं , भयंकर कष्ट मानते हें और इसलिए ही तप से बचने की कोशिश करते हें .
तप तो आनंदमय होता है , महान आनंद .
तप तो धर्म है और धर्म कष्टमय नहीं होता है , नहीं हो सकता है .
यदि कष्टमय हो तो धर्म कैसा ?
pls click on link bellow ( blue letters ) to read full -
http://www.facebook.com/pages/Parmatmprakash-Bharill/273760269317272
पर तप करते क्यों नहीं ?
क्योंकि तप से डरते हें ?
क्यों ?
भ्रम वश !
भ्रम वश हम सभी तप को कष्टमय मानते हें , कष्टकर मानते हें .
साधारण कष्ट नहीं , भयंकर कष्ट मानते हें और इसलिए ही तप से बचने की कोशिश करते हें .
तप तो आनंदमय होता है , महान आनंद .
तप तो धर्म है और धर्म कष्टमय नहीं होता है , नहीं हो सकता है .
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