यूं तो शिकवे जमाने से , हमको भी कम नहीं
अफ़सोस है इस दौर पर,फिर भी कोई गम नहीं
हमसे ही ये ज़माना है , इस दौर को हमने गढ़ा
वे मलिन तो क्या हुआ , दूध से धुले हें हम नहीं
अफ़सोस है इस दौर पर,फिर भी कोई गम नहीं
हमसे ही ये ज़माना है , इस दौर को हमने गढ़ा
वे मलिन तो क्या हुआ , दूध से धुले हें हम नहीं
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