Wednesday, July 11, 2012

Parmatm Prakash Bharill: पुकार मेरे हुकूक की दिल में रही रहन उन सिसकियों ...

Parmatm Prakash Bharill: पुकार मेरे हुकूक की दिल में रही रहन उन सिसकियों ...: 15.9.83 शूलों की तो आदि से  सहते रहे चुभन  इक पंखरी की धार से  हलाल हो गये  पुकार मेरे हुकूक की  दिल में रही रहन  उन सिसकियों के बोल से  बब...

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