Friday, August 3, 2012

आप कहते हें क़ि " मैं भ्रष्ट नहीं हूं "------------अगर मात्र आपका कुत्ता भी भ्रष्ट है तो हमें तो उसका भोग बनना ही होगा -------------" आप भ्रष्टाचार नहीं करते हें " यह तो नहीं करना हुआ ; प्रश्न तो यह है क़ि आप करते क्या हें ? कुछ कीजिये भाई साहब ! कुछ कीजिये .

आप कहते हें क़ि " मैं भ्रष्ट नहीं हूं "
स्वीकार है ( हालांकि हमारे किसी कथन को आप इतनी आसानी से स्वीकार नहीं करेंगे ) .
पर इससे क्या फर्क पड़ता है क़ि आप अकेले भ्रष्ट नहीं हें ?
अगर मात्र आपका कुत्ता भी भ्रष्ट है तो हमें तो उसका भोग बनना ही होगा .
आपकी छत्रछाया में जो भ्रष्टाचार पल रहा है उसकी जिम्मेदारी भी तो आपकी ही है , दरअसल आप इस पद पर हें ही यह सब कुछ करने के लिए , वरना इमानदारी सहित आपके सभ

ी सद्गुणों के लिए आपकी पूजा तो एक मंदिर बनाकर और उसमें आपकी प्रतिमा बिराजमान करके भी की जा सकती है .
यूं भी इस तरह पूजने के लिए हमारी पास भगवानों की कोई कमी थोड़े ही है , हमें तो हमारे लिए कुछ करने वाला चाहिए .
" आप भ्रष्टाचार नहीं करते हें " यह तो नहीं करना हुआ ; प्रश्न तो यह है क़ि आप करते क्या हें ?
कुछ कीजिये भाई साहब ! कुछ कीजिये .

तुम हो अपराधी आश्रय के , अपराधी को दी पनाह
करबाना,करना,आश्रय देना,कानून की नजरों में गुनाह

ऐसे बैसे कुछ लोग वहां जो , जाने अनजाने पलते हें
वे शासन को तो पंगु करते , हमको तुमको छलते हें

क्यों उनको देते तुम पनाह , ऐसी भी क्या मजबूरी
उज्जवल छवि के लिए जरूरी,उनसे इक निश्चित दूरी

हम आपसे ऐसा ही कुछ करने की अपेक्षा करते हें ( यह कोई गुनाह या ज्यादिती तो नहीं है न ) .

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