क्यों हम अज्ञानी ही बने रहना चाहते हें ?
क्या अज्ञान कोई अच्छी बात है ?
अज्ञान तो कभी भी बेहतर नहीं हो सकता है और ज्ञान कभी दुःख का कारण नहीं हो सकता है क्योंकि ज्ञान आत्मा का स्वभाव है और स्वभाव कभी दुःख का कारण नहीं होता है .
फिर हमें क्यों लगता है क़ि जानकर दुःख होता है इसलिए नहीं जानना ही बेहतर है ?
क्योंकि हम मात्र जानकर ठहर नहीं जाते हें बल्कि जानते ही राग या द्वेष करते हें , इष्ट - अनिष्ट बुद्धि धारण करते हें , बस बही राग और द्वेष हमें दुखी करते हें , ज्ञान नहीं .
क्या अज्ञान कोई अच्छी बात है ?
अज्ञान तो कभी भी बेहतर नहीं हो सकता है और ज्ञान कभी दुःख का कारण नहीं हो सकता है क्योंकि ज्ञान आत्मा का स्वभाव है और स्वभाव कभी दुःख का कारण नहीं होता है .
फिर हमें क्यों लगता है क़ि जानकर दुःख होता है इसलिए नहीं जानना ही बेहतर है ?
क्योंकि हम मात्र जानकर ठहर नहीं जाते हें बल्कि जानते ही राग या द्वेष करते हें , इष्ट - अनिष्ट बुद्धि धारण करते हें , बस बही राग और द्वेष हमें दुखी करते हें , ज्ञान नहीं .
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