Tuesday, January 15, 2013

Parmatm Prakash Bharill: वेशक ! उगता हुआ सूरज आज तुम्हारे हिस्से में है

Parmatm Prakash Bharill: वेशक ! उगता हुआ सूरज आज तुम्हारे हिस्से में है: वेशक ! उगता हुआ सूरज आज तुम्हारे हिस्से में है  मगर याद रखना , रातें भी इतनी काली नहीं होतीं  क्या घटाओं के घुमड़ने पर , भर दोपहरी अन्ध...

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