Monday, May 13, 2013

Parmatm Prakash Bharill: हम जितने सम्बेदनशील उस एक दिन की मौत के प्रति हें ...

Parmatm Prakash Bharill: हम जितने सम्बेदनशील उस एक दिन की मौत के प्रति हें ...: यह तो हम सभी मानते हें कि हमें एक दिन मरना है , पर हम प्रतिपल मरते हें ,इस तथ्य की और हमारा ध्यान ही नहीं जाता है . जो पल बीत गया वह नष्ट ...

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