बस एक मैं था और मैं
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
ढूंढा किया, तुम ना मिले , तन्हाइयों के दौर में
साया भी न था साथ में,बस एक मैं था और मैं
(कविता)
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
ढूंढा किया, तुम ना मिले , तन्हाइयों के दौर में
साया भी न था साथ में,बस एक मैं था और मैं
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