किसी का जन्मना या मर जाना दुनिया के लिए एक घटना है , बस !
और उसके सम्बन्धियों और मित्रों के लिए ये एक काम
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
जन्म हो शादी या मौत।
एक घटना घटी , एक काम निपटा।
हम में से सभी के उपरोक्त में से एक या दो काम निपट गए हें , बस तीसरा बाकी है।
ये जो तीसरा काम बाकी है इसमें हमें कुछ नहीं करना है , ये तो हमारे सम्बन्धियों और मित्रों की liability ( उत्तरदायित्व ) है , इसमें तो जो कुछ करना है बस उन्हें करना है।
जिसके जितने अधिक संबंधी और मित्र हें उनके ऊपर उतनी ही अधिक liability है , उन्हें उतनी ही अधिक बार श्मसान जाना पडेगा और फिर तीये-तेरइ में।
जितने गुजर गए , उनके उतने काम निपट गए।
क्या ? आप हंस रहे हें ?
क्या यह सही नहीं है ?
यदि नहीं तो ज़रा कुछ लोगों की to do today लिस्ट देखिये !
9 am - फलाने का तिया
12 pm - फलाने की शादी
8 pm - फलने की बर्थडे पार्टी
प्रत्येक दिन सबके पास ऐसे - ऐसे कई काम होते हें , एक - एक काम निपटता जाता है और लोग उन पर टिकमार्क करते जाते हें।
जब कभी कोई संबंधी या मित्र गंभीर रूप से बीमार हो जाता है तो हमारी लिस्ट में एक काम और जुड़ जाता , उसे देखने अस्पताल जाना ,पर इस काम का समय तो निश्चित होता है और हम उसे मैनेज कर लेते हें पर ऐसे दिनों में हमें थोड़ी flexibility रखनी होती है , जाने किस दिन , कब (श्मसान) जाना पड़े , इसका समय निश्चित तो होता नहीं।
अब समझे न ?
हम निपट जाते हें तो लोगों का एक कम निपट जाता है।
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