Thursday, November 21, 2013

तो क्या आपको यह लेख सभी संबंधित लोगों तक पहुंचाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ?

यह तो आप भी कर सकते हें न ? यह आपको भी करना ही चाहिए !

-परमात्म प्रकाश भारिल्ल 




तब आप क्या करेंगे ? क्या बस इसी तरह निष्क्रिय बैठे रहेंगे ?
जब आपको समाचार मिलें कि " आपका नगर भयंकर तूफ़ान या बाढ़ की चपेट में आने वाला है "
नहीं ना !
 

आप तुरंत सक्रीय होकर अपने परिवार जन , सम्बन्धियों , मित्रजनों , गली मुहल्ले वालों और सर्व सामान्य तक यह सूचना पहुंचाने का प्रयास करेंगे न ?ताकि वे इस आपदा से बच सकें।
क्योंकि यह मात्र कोई चुटकला या गॉशिप नहीं है , यह सबके हित -अहित से जुडी बात है , है न !
तब फिर यहाँ आप चुप क्यों हें ?
यह जो " अंडा शाकाहारी नहीं " वाला लेख है
 , यह भी उक्त श्रेणी में ही आता है।
यदि आप शाकाहारी हें , शाकाहार पसंद करते हें और यह चाहते हें कि सभी लोग शाकाहारी बनें।
आप चाहते हें कि आपके निकटतम लोग इनके बहकाबे में न आ जाएँ ,
तो क्या आपको यह लेख सभी संबंधित लोगों तक पहुंचाने का प्रयास नहीं करना चाहिए ?
क्या इसे अपने WAAL पर SHARE नहीं करना चाहिए ?
क्या इस बिषय पर अपनी राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए ?
क्या इसे LIKE नहीं करना चाहिए ?
और कुछ नहीं तो इतना तो आप कर ही सकते हें !

अंडे बेचने वाले तो अंडे बेचकर पैसा कमाते हें , वे तो उस पैसे का कुछ हिस्सा अखवारों और TV पर महंगे विज्ञापन दिखाने में खर्च कर सकते हें और करते हें।
शाकाहार का प्रचार करने वालों को तो घर फूंककर ही तमाशा देखना है , उनके पास इस अभियान के लिए आय का तो कोई साधन है नहीं , उन्हें तो आपके इसी प्रकार के सहयोह की सख्त आवश्यकता है।
इस विचार को सिर्फ एक विचार मत रहने दीजिये ,
इस सम्बन्धी समाचारों को मात्र समाचार मत रहने दीजिये
इन्हें एक अभियान बना डालिये
इन्हें फैलाइये
इनका प्रचार - प्रसार कीजिये
सोश्यल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कीजिये।
इसके लिये आप जो कुछ भी कर सकते हें कीजिये।
हो सकता है आपका एक कमेंट किसी को प्रेरणा दे सके ,
आपका एक LIKE किसी को मोटीवेट करे।
आपका एक SHARING जाने कितने नए लोगों तक यह विचार पहुंचा सके।
आपके द्वारा दिया गया एक मिनिट का समय जाने कितने भागयशाली लोगों का जीवन बदलने में निमित्त बन जाए।
आप न जाने , अनजाने ही कितने निरीह प्राणियों की ह्त्या रोकने में निमित्त बन जाएँ। 


सज्जनों की निष्क्रियता और चुप्पी ही तो दुर्जनों की सबसे बड़ी पूंजी और ताकत है
क्या आपका चुप रहना अपराध नहीं है ?
क्या यह आपकी गलती नहीं है
क्या आप इस गलती को सुधारना नहीं चाहेंगे ?
यदि हाँ तो फिर कब ?
आज
अभी
इसी वक्त

तो आइये ! जुट जाइये।
आपका कल्याण हो। 

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स्वयं - Motivational Speaker & writer vegetarianism activist activist for moral & ethical values activist for complete meaningful & happy lifestyle philosophical thinker लोकप्रिय लेखक , वक्ता , कवि , निबंधकार , कहानीकार और उपन्यासकार ....
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