यदि आपको हारना गबारा नहीं तो आप कभी जीतेंगे भी नहीं
-
- परमात्म
प्रकाश भारिल्ल
यदि
आपको भीड़ का हिस्सा मात्र नहीं बने रहना है और विजेता बनना है तो आपको संघर्ष में
उतरना ही होगा,हारने का खतरा उठना ही होगा.
विजेता
बनने के लिए और विजेता बने रहने के लिए भी संघर्ष में उतरना ही पड़ता है.जब आप
संघर्ष में उतरेंगे तो हार की संभावना भी उतनी ही होती है जितनी जीत की;पर
चैम्पियनों को भी वह खतरा तो मोल लेना ही पड़ता है आने वाली चुनौती की अनदेखी करके
कोई विजेता नहीं बना रह सकता है.विजेता बने रहने का एक मात्र उपाय है सर्वश्रेष्ठ
बने रहना और सर्वश्रेष्ठ बने रहने के लिए अविरत साधना आवश्यक है .
एक
बात और है कि जो पहिली बार विजेता बनने के लिए संघर्ष करता है उसके पास खोने के
लिए कुछ नहीं है पर जो पूर्व विजेता आज फिर संघर्ष में उतरा है उसका खिताब हमेशा
खतरे में ही रहता है.
यदि
हार के भय से आप संघर्ष में उतरते ही नहीं हें तो आप कभी नहीं जीतेंगे.
जो हार से डर गया वह तो हार ही गया .
जो हार से डर गया वह तो हार ही गया .
संघर्ष
में हारकर आप विजेता न सही उपविजेता तो बनेंगे,पर संघर्ष से बचकर तो आप मात्र
दर्शकों की भीड़ का एक हिस्सा बनकर रह जायेंगे.
निर्णय
आपका है,आपको क्या करना है !
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