Saturday, March 14, 2015

अपनी ओर से सबकी सुरक्षा आश्वस्त कीजिए और स्वयं सुरक्षित रहिये –

अपनी ओर से सबकी सुरक्षा आश्वस्त कीजिए और स्वयं सुरक्षित रहिये

-           - परमात्म प्रकाश भारिल्ल

आप उसके समक्ष इसलिए असुरक्षित हें क्योंकि वह अपने आपको आपसे असुरक्षित महसूस करता है और इसलिए आत्मरक्षा में आपपर आक्रमण करता है, आपके सामने दो विकल्प हें, एक तो उसे धमकाकर या चेतावनी देकर अपना आक्रामक रुख दिखलाकर उसे और भी अधिक आक्रामक बनाइये या अपनी ओर से उसे उसकी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करके उसके आक्रामक रुख को बदल दीजिये. कहिये उपयुक्त और उचित क्या है ?
वह आपसे भयभीत है और इसलिए आत्मरक्षा में आपके ऊपर आक्रमण करने के लिए तैयार है. ऐसे में उससे अपनेआप की रक्षा करने का सबसे अच्छा उपाय क्या है ?
एक तो यह कि वह आप पर आक्रमण करे तब आप भी उससे संघर्ष कीजिये और कुछ जख्म उसे दीजिये, कुछ चोट आप खाइये अंतत: जिसका जो हो सो हो.
दूसरा उपाय यह है कि कुछ ऐसा कीजिये कि वह आप पर आक्रमण ही न करे.
यह कैसे हो सकता है ?
साधारण सी तो बात है, यह जानने का प्रयास कीजिये कि वह आप पर आक्रमण क्यों करना चाहता है, और वह कारण ही दूर कर दीजिये.
जैसाकि हम ऊपर कह चुके हें वह आपसे भयभीत है इसलिए आपपर आक्रमण करना चाहता है, आप उसका भय दूर कर दीजिये, अपनी ओर से उसकी सुरक्षा आश्वस्त कर दीजिये और वह आप पर आक्रमण ही नहीं करेगा.
इसके विपरीत यदि आप उसका आक्रामक रुख देखकर उसे ललकारते हें या चेतावनी देते हें तो आप उसकी असुरक्षा की भावना को और अधिक प्रवल करते हें, तब बदले में आप उससे और क्या उम्मीद रख सकते हें, शिवाय इसके कि वह तत्काल और अधिक क्षमता के साथ आप पर आक्रमण करे, आपको नष्ट करने का प्रयास करे.

यदि आप दूसरा रास्ता चुनते हें तो क्या यह आपकी नादानी नहीं होगी ?

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