आध्यात्मिक ज्ञानदान ही सभी प्रकार के दानों में सर्वोत्तम है.
-- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
आध्यात्मिक ज्ञानदान ही सभी प्रकार के दानों में सर्वोत्तम है. क्योंकि यह अनंतकाल तक जीवके साथ रहेगा और जीव को शिद्धशिला तक ले जाएगा.
ज्ञानदान का प्रभाव दीर्घजीवी होने के कारण सर्वोत्तम है.
तीर्थंकर और गणधर भी मात्र यही उपकार करते हें....
लौकिक शिक्षा (ज्ञान) मात्र इसी जीवन में योगदान करेगा और यह मोक्ष का मार्ग नहीं, मात्र संसार बढाने में ही योगदान करेगा.
एक बात और ज्ञान आप कितना ही बांटिये, कभी कम नहीं होगा, कम नहीं पडेगा, कितने ही काल तक, कितने ही लोगों को, कितने ही क्षेत्र में बांटते रहिये बस.
भूंखे को भोजन करबाना भी है तो उत्तम कार्य, पर आप कितना कर सकते हें ?
१-२-४, १०-२० , १००-२००, १०००-२००० लोगों को ?
वह भी कितने दिन ?
कहीं तो सीमा होगी ?
किसी को भोजन कराओ और कुछ ही घंटों में फिर भूँखा !
क्या कोई धन कुबेर भी बिना मूल्य एक आदमी का जीवनभर भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी ले सकता है ?
ज्ञानदान करने वाले ऐसा कर सकते हें, अनंत जीवों को अनंतकाल तक के लिए सुखी करने की जिम्मेदारी ले सकते हें.
है न महान काम ?
क्या आप यह काम नहीं करना चाहते हें ?
यदि हाँ, तो धार्मिक शिक्षण के लिए पाठशालाएं खोलने और संचालन करने में हमें सहयोग कीजिये.
-- परमात्म प्रकाश भारिल्ल
आध्यात्मिक ज्ञानदान ही सभी प्रकार के दानों में सर्वोत्तम है. क्योंकि यह अनंतकाल तक जीवके साथ रहेगा और जीव को शिद्धशिला तक ले जाएगा.
ज्ञानदान का प्रभाव दीर्घजीवी होने के कारण सर्वोत्तम है.
तीर्थंकर और गणधर भी मात्र यही उपकार करते हें....
लौकिक शिक्षा (ज्ञान) मात्र इसी जीवन में योगदान करेगा और यह मोक्ष का मार्ग नहीं, मात्र संसार बढाने में ही योगदान करेगा.
एक बात और ज्ञान आप कितना ही बांटिये, कभी कम नहीं होगा, कम नहीं पडेगा, कितने ही काल तक, कितने ही लोगों को, कितने ही क्षेत्र में बांटते रहिये बस.
भूंखे को भोजन करबाना भी है तो उत्तम कार्य, पर आप कितना कर सकते हें ?
१-२-४, १०-२० , १००-२००, १०००-२००० लोगों को ?
वह भी कितने दिन ?
कहीं तो सीमा होगी ?
किसी को भोजन कराओ और कुछ ही घंटों में फिर भूँखा !
क्या कोई धन कुबेर भी बिना मूल्य एक आदमी का जीवनभर भरण-पोषण करने की जिम्मेदारी ले सकता है ?
ज्ञानदान करने वाले ऐसा कर सकते हें, अनंत जीवों को अनंतकाल तक के लिए सुखी करने की जिम्मेदारी ले सकते हें.
है न महान काम ?
क्या आप यह काम नहीं करना चाहते हें ?
यदि हाँ, तो धार्मिक शिक्षण के लिए पाठशालाएं खोलने और संचालन करने में हमें सहयोग कीजिये.
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