Monday, July 20, 2015

देश की राजगद्दी कोई बच्चों का खेल नहीं है क़ि कोई भी चलता फिरता उस पर जा बिराजे , यदि डर लगता है क़ि हमसे गलती हो सकती है तो क्या जरूरी है क़ि आप वहां बिराजें , अन्य लोग हें जो यह काम आपसे बेहतर कर सकते हें , गलती रहित ढंग से कर सकते हें

जो देश के भाग्य विधाता हें ,क्या यह उनका कर्तव्य नहीं है क़ि वे इस बात का ख्याल भी रखें क़ि क्या उनका कर्तव्य है ,क्या प्रतिबंधित है , क्या गलती है और क्या दंडनीय अपराध है ?
किसी ९९% दक्ष व्यक्ति को कार चलाने की भी इजाजत नहीं दी जा सकती है तो सरकार चलाने की इजाजत कैसे दी जा सकती है ?
यदि एक ९९% दक्ष व्यक्तिवाहन चलाएगा तो निश्चित ही वह कुछ लोगों की जान के लिए खतरा पैदा करेगा , और इसी प्रकार यदि कोई कम संवेदनशील व्यक्ति सरकार चलाएगा तो पूरा देश खतरे में पड़ जाएगा .
क्या कोई ९९ % दक्ष डाक्टर से अपने ह्रदय का आपरेशन करबायेगा ? नहीं न ? उसके लिए १०० % दक्ष डाक्टर चाहिये तो फिर जिसे स्वयं गलती होने का डर सताता हो उसके भरोसे देश कैसे छोड़ा जा सकता है ?
क्या सही है और क्या गलत यह तो स्पष्ट रूप से परिभाषित होना ही चाहिए और एक शासक के लिए भूल अपराध है , उसे दण्ड मिलना ही चाहिए .
देश की राजगद्दी कोई बच्चों का खेल नहीं है क़ि कोई भी चलता फिरता उस पर जा बिराजे , यदि डर लगता है क़ि हमसे गलती हो सकती है तो क्या जरूरी है क़ि आप वहां बिराजें , अन्य लोग हें जो यह काम आपसे बेहतर कर सकते हें , गलती रहित ढंग से कर सकते हें , आप उन्हें काम करने दें और अपने आप को भूल करने और दण्ड के भागी बनने से बचाए रखें .
यदि आपको डर लगता है क़ि यदि गलती से ही छोटी सी भी भूल हो गई तो लोकपाल दण्ड देगा तो हमें भी डर लगता है क़ि यदि हमारा नेता भूल करेगा तो देश बर्बाद हो जाएगा .
हमें नहीं चाहिए ऐसा भाग्य विधाता जो सम्पूर्ण न हो .

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