- परमात्म नीति (19)
- सामर्थ्य खो चुके शेर की पीठ पर तो अदने से पक्षी भी सबारी करने लगते हें
- सामर्थ्य खो चुके शेर की पीठ पर तो अदने से पक्षी भी सबारी करने लगते हें
- सिर्फ उपार्जन के लिए ही नहीं, बनाए रखने के लिए भी सामर्थ्य चाहिए .
जिस प्रकार पूर्वोपार्जित अनुकूल संयोगों को बनाए रखने के लिए भी वर्तमान में पुण्योदय की आवश्यक्ता है उसी प्रकार स्वयं के द्वारा पूर्वोपार्जित या विरासत में प्राप्त सत्ता को बनाए रखने के लिए भी वर्तमान में सामर्थ्य आवश्यक है.
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
उक्त सूक्तियां मात्र सूचिपत्र हें, प्रत्येक वाक्य पर विस्तृत विवेचन अपेक्षित है, यथासमय, यथासंभव करने का प्रयास करूंगा.
घोषणा
यहाँ वर्णित ये विचार मेरे अपने मौलिक विचार हें जो कि मेरे जीवन के अनुभवों पर आधारित हें.
मैं इस बात का दावा तो कर नहीं सकता हूँ कि ये विचार अब तक किसी और को आये ही नहीं होंगे या किसी ने इन्हें व्यक्त ही नहीं किया होगा, क्योंकि जीवन तो सभी जीते हें और सभी को इसी प्रकार के अनुभव भी होते ही हें, तथापि मेरे इन विचारों का श्रोत मेरा स्वयं का अनुभव ही है.
यह क्रम जारी रहेगा.
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