Monday, October 26, 2015

सल्लेखना मात्र म्रत्यु का साधन नहीं आदर्श जीवन शैली है

सल्लेखना मात्र म्रत्यु का साधन नहीं आदर्श जीवन शैली है 

- परमात्म प्रकाश भारिल्ल 


नियमितरूप से चलने वाली अन्य गतिविधियों की ही तरह जीवन के नित्यक्रम में चली सल्लेखनापूर्ण जीवन की लम्बे समय की साधना की ओर तो किसी का ध्यान जाता नहीं, पर सामान्यजन की म्रत्यु से प्रथक दिखने वाली सल्लेखनायुक्त , यह क्रंदन और शोक से मुक्त गरिमामय म्रत्यु सभी को न सिर्फ विस्मित करती है वरन सभी का ध्यान भी आकर्षित करती है. 

बस इसीलिये सल्लेखना की प्रक्रिया में भी जीवनभर की साधना तो गौण होगई और मात्र म्रत्यु ही सभी की नजरों में चढ़ गई.

No comments:

Post a Comment