"गल्तियाँ" क्या ,क्यों और कैसे ? (11)
यदि भूल हुई तो भूल का , अफ़सोस होना चाहिए
फिर कभी ना भूल करदें,हमको होश होना चाहिए
मनुज होकर भी अगर तू , भूलों भरा रह जाएगा
अवसर न ये फिरसे मिलेगा,कब सुधर तू पायेगा
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