Wednesday, September 21, 2011

Parmatm Prakash Bharill: मनुज होकर भी अगर तू , भूलों भरा रह जाएगा

Parmatm Prakash Bharill: मनुज होकर भी अगर तू , भूलों भरा रह जाएगा: "गल्तियाँ" क्या ,क्यों और कैसे ? (11) यदि भूल हुई तो भूल का , अफ़सोस होना चाहिए फिर कभी ना भूल करदें,हमको होश होना चाहिए मनुज होकर भी अग...

No comments:

Post a Comment